ओडिशा के बलांगीर में बड़ा शराब छापा, 285 करोड़ रुपये बरामद

ओडिशा के बलांगीर में बड़ा शराब छापा, 285 करोड़ रुपये बरामद

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अभिषेक आर्य की कलम से 

बलांगीर ज़िले के सूदपाड़ा में स्थित एक देशी शराब कारख़ाने में हुई छापेमारी में आयकर विभाग ने पिछले बुधवार को बड़ी मात्रा में नक़दी रकम और सोने के जेवर बरामद किए हैं. इस छापेमारी में कुल 285 करोड़ रुपये की नक़दी बरामद की गई है, जो कि ओड़िशा के इतिहास में सबसे बड़ी है.

टिटलगढ़ के बैंकों से बरामद सोने के जेवर:
इसके अलावा, टिटलगढ़ के दो बैंकों के लॉकरों से भी बड़ी मात्रा में सोने के जेवर बरामद किए गए हैं, जो शराब कारोबारी संजय साहू के हैं, जो इस छापेमारी के तंत्र में शामिल हैं.

आयकर विभाग की छापेमारी:
आयकर विभाग ने बलांगीर ज़िले के तीन ठिकानों, टिटलागढ़, और संबलपुर शहर में भी छापेमारी की है, जिसमें 11 करोड़ और 37.50 करोड़ रुपए कैश बरामद हुआ है. इससे ओड़िशा के विभिन्न स्थानों पर मिलकर कुल 333.50 करोड़ रुपए बरामद हो चुके हैं, जो देशभर में सबसे बड़े 'कैश हॉल' के रूप में उभर रहा है.

छापेमारी में मिले कैश की गिनती:
छापेमारी में मिले कैश की गिनती में कर्मचारियों ने कहा कि इसमें शामिल पुराने और धूल से सने नोट भी थे, जिसके कारण मशीनें कई बार ख़राब हो गईं और कई बंडलों की गिनती मैनुअली करनी पड़ी. नोटों पर धूल की परत के कारण कर्मचारी मास्क पहने नज़र आए.

और भी छापेमारी की संभावना:
छापेमारी के बाद भी आयकर विभाग अन्य स्थानों पर भी छापेमारी कर रहा है और सूदपड़ा भट्ठे के मैनेजर बंटी और एक अन्य कर्मचारी से मिली जानकारी के आधार पर और कई ठिकानों पर और भी छापेमारी हो सकती है.

अभी भी जारी है छापामारी:
छापेमारी की गिनती तो ख़त्म हो गई है, लेकिन छापामारी अभी भी जारी है, और आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि और भी कैश जब्त किया जा सकता है.

इतिहास में सबसे बड़ी रकम:
इस छापेमारी से ओड़िशा इतिहास में सबसे बड़ा 'कैश हॉल' बन गया है, और पूरे देश में भी इसे आयकर छापे में मिली सबसे बड़ी रकम के रूप में जाना जा रहा है.

अन्य राज्यों में भी छापेमारी:
ओड़िशा के साथ झारखंड और पश्चिम बंगाल के कई ठिकानों पर भी आयकर विभाग द्वारा छापे मारे गए हैं, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि बंगाल और झारखंड में हुए रेड में कितनी रकम बरामद हुई है. इन सभी छापों में झारखंड के राज्यसभा सदस्य धीरज कुमार साहू और उनके परिवार से जुड़ी कंपनियों और उनकी अलग-अलग ठिकानों पर मारे गए हैं.

बड़ी छापेमारी में शामिल अधिकारी:
तीन राज्यों के 30 से भी अधिक ठिकानों पर एक साथ हुई छापेमारी में आयकर विभाग के 100 से भी अधिक अधिकारी शामिल थे. इससे यह साबित हो रहा है कि यह छापेमारी एक बड़ी और संगठित कार्रवाई थी, जो राज्यसभा सदस्य और उनके संबंधित ठिकानों पर फोकस की गई थी।
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